पटना : बिहार मोकामा के प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा जारी एक अधिकारिक पत्र में एन आर सी का ज़िक्र होने से पूरे बिहार समेत पूरे देश में भूचाल आ गया है। लोग इसे खुब वायरल भी कर रहे हैं। लेकिन इस पर अविलंब संज्ञान लेते हुए एक नया पत्र जारी करके बीडीओ ने साफ कर दिया है कि यह टाइपिंग मिस्टेक है। साथ ही वायरल पत्र को निरस्त भी कर दिया गया है।
क्या है पूरा मामला
दरअसल 2020 में एनपीआर और 2021 में पूरे देश में जनगणना होना है। बिहार में इसके लिए राज्यपाल ने नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। इसी क्रम में जनगणना हेतू मोकामा ब्लॉक प्रखंड अधिकारी ने अपने ब्लॉक के कुछ स्कूलों से फिल्ड ट्रेनिंग के लिए कुछ शिक्षकों की मांग की थी। लेकिन विद्यालयों की तरफ से कोई भी प्रतिक्रिया नहीं आने के बाद बीडीओ ने 28 जनवरी 2020 को एक पत्र जारी किया था। जिसमें जनगणना के अलावा NRC का भी ज़िक्र पाया गया।
गौरतलब है कि मोकामा प्रखंड के तीन स्कूलों के प्रिंसिपल को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि BDO ने जणगणना एवम् NRC के काम के लिए हर स्कूल से दो-दो शिक्षकों के नाम मांगे थे। लेकिन मोकामा प्रखंड के रामपुरडुमरा, मराची और मोर हाई स्कूल के प्रिंसिपल ने शिक्षकों के नाम नहीं भेजे। बीडीओ ने 18 जनवरी को ही पत्र लिखकर नाम मांगा था जो 10 दिन बाद भी नहीं मिला।
जिस तरह से देशभर में एनआरसी एनपीआर और नागरिकता संशोधन अधिनियम के लिए प्रदर्शन हो रहे हैं इस तरह के पत्र का वायरल होना और इस पर बवाल मचना स्वाभविक था। लेकिन इस बवाल पर संज्ञान लेते हुए मोकामा बीडीओ ने तुरंत ही सफाई पेश कर दी है। बकायदा एक पत्र जारी करके बीडीओ ने साफ कर दिया है कि यह टाइपिंग मिस्टेक है । अब देखना यह है कि बिहार समेत पूरे देश में एनपीआर होता है या नहीं लेकिन बीडीओ मोकामा के नए पत्र ने तत्काल राहत जरूर दिया है।