फिर लौटेगी मधुबनी शहर के गिरीधारी पब्लिक लाइब्रेरी की रौनक। होगा अत्याधुनिक सुविधा से लैस

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फिर लौटेगी शहर के गिरीधारी पब्लिक लाइब्रेरी की रौनक। होगा अत्याधुनिक सुविधा से लैस, तैयारी में जुटी जिला प्रशासन

मधुबनी शहर के सबसे पुराने पब्लिक लाइब्रेरी को जनता के लिए जल्द ही पुनः खोला जाएगा। लाइब्रेरी को पुनः खुलवाने के कड़ी में सदर एसडीओ अश्वनी कुमार ने लाइब्रेरी और उसके परिसर का निरीक्षण किया। निरीक्षण के पश्चात लाइब्रेरी में रखे पुराने समान को लेकर संबंधित विभाग के अधिकारियों से उसे जल्द से जल्द हटाने को कहा गया।

अत्याधुनिक सुवधाओं से लैस होगा गिरीधारी पब्लिक लाइब्रेरी

105 वर्ष पुराने गिरधारी पब्लिक लाइब्रेरी के निरीक्षण के उपरांत सदर एसडीओ अश्वनी कुमार ने मीडिया से बात करते हुई बताया की जिलाधिकारी के पहल पर शहरी सुविधाओं की उपलब्धता को लेकर बैठक हुई थी। जिसमें लाइब्रेरी में अत्याधुनिक सुविधा से लैस करने की बात हुई। इसी कड़ी में आज शुक्रवार को शिक्षा विभाग के अभियंता सहित कई गणमान्य लोगों के साथ लाइब्रेरी का बारीकी से निरीक्षण किया। इसी क्रम में ज्ञात हुआ की कई विभाग के पुराने समान लाइब्रेरी में रखे हुए हैं। जिनको लेकर विभिन्न विभाग के अधिकारियों जिनका समान अभी लाइब्रेरी में रखा हुआ है उनसे अपना सामान को जल्द से जल्द अपने जगह पर रखने की बात हुई है। समान खाली हो जाने के पश्चात दिशानिर्देश लेकर लाइब्रेरी के पुनः खुलवाने का काम आगे किया जाएगा। इसके लिए जिलाधिकारी के निर्देश देने के बाद एक बार मंत्रणा भी की जा चुकी है। इस कार्य के लिए दाता परिवार के सदस्यों के अलावा आम जन से भी हर संभव मदद ही प्रशासन अपेक्षा रखता है। आपको बता दें की 18 मार्च 1918 ईसवी को स्वर्गीय हर्षधारी सिंह के चार पुत्रों स्वर्गीय तेजधारी सिंह, स्वर्गीय क्षेमधारी सिंह, स्वर्गीय बालादत्त सिंह और स्वर्गीय आद्यादत्त सिंह ने अपने दादा स्वर्गीय गिरिधारी सिंह की स्मृति में मधुबनी शहर में लाइब्रेरी निर्माण के लिए 30 कट्ठे से अधिक भूमि लाइब्रेरी बनाने के लिए दिया। जिसके बाद शहर में गिरधारी पब्लिक लाइब्रेरी के नाम से लाइब्रेरी का निर्माण कराया गया। जिसका संचालन एक स्वतंत्र कमिटी कर रही थी। इसी लाइब्रेरी परिसर में एक गिरधारी नगर भवन भी है। पिछले करीब दो दशक से यह लाइब्रेरी स्थानीय जनप्रतिनिधि और प्रशासन की उदासीनता के कारण बंद पड़ा था। अब इसको चालू करने की कवायद जिला प्रशासन के द्वारा शुरू कर दी गई है। इसके बाद आम लोगो में उम्मीद जगी है की लाइब्रेरी का उद्धार होगा और इसे जल्द से जल्द पुनः लोगो के लिए खोला जाएगा।