नई दिल्ली: तमिलनाडु में भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेता एस. वीई. शेखर वेंकटरमण द्वारा सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट फेसबुक पर किए गए एक पोस्ट से लोगों में गुस्सा है, जिसमें उन्होंने उस महिला पत्रकार का अपमान किया है, जिसने राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित द्वारा गाल थपथपाए जाने का कड़ा विरोध किया था. इस मामले में राज्यपाल महिला पत्रकार लक्ष्मी सुब्रह्मण्यम से माफी मांग चुके हैं, लेकिन एस. वीई. शेखर वेंकटरमण ने अपने पेज पर पोस्ट किया कि दरअसल, राज्यपाल को उस महिला को छूने के बाद ‘अपने हाथ फिनाइल से धोने चाहिए थे…’
हालांकि बाद में एस. वीई. शेखर वेंकटरमण ने इस पोस्ट को अपने फेसबुक पेज से डिलीट कर दिया, लेकिन उन्होंने सभी महिला पत्रकारों को अपमान करने वाली अपनी पोस्ट के लिए माफी नहीं मांगी.
चेन्नई के पत्रकार एस. वीई. शेखर वेंकटरमण तथा BJP के राष्ट्रीय सचिव एच. राजा के खिलाफ पार्टी के राज्य मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन करेंगे. एच. राजा पर भी पत्रकारों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां करने का आरोप है.
इतना ही नहीं, एस. वीई. शेखर वेंकटरमण की पोस्ट में यहां तक कहा गया था, “हालिया शिकायतों से ज़ाहिर है, वे (पत्रकार) रिपोर्टर और एंकर तब तक नहीं बन सकती हैं, जब तक वे बड़े लोगों के साथ सो न लें… अनपढ़ बेवकूफ भद्दे लोग… तमिलनाडु मीडिया में मोटे तौर पर यही हैं… यह महिला भी अपवाद नहीं है…”
इस पोस्ट में सेक्स-फॉर-डिग्री घोटाले को लेकर सवाल खड़े करने के लिए भी मीडिया को निशाने पर लिया गया था, जिसमें एक कॉलेज प्रोफेसर पर आरोप लगा था कि वह छात्राओं पर बेहतर नंबरों तथा पैसे के लिए अधिकारियों के साथ संबंध बनाने का दबाव डाल रही थी. उसी प्रोफेसर ने राज्यपाल से ताल्लुक होने का दावा किया था, जिन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ज़ोर देकर इसका खंडन किया था. जब लक्ष्मी सुब्रह्मण्यम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राज्यपाल से इस बारे में सवाल पूछा, तो उन्होंने जवाब देने की जगह लक्ष्मी का गाल थपथपा दिया था.
एस. वीई. शेखर वेंकटरमण द्वारा शेयर की गई पोस्ट में कहा गया था, “यूनिवर्सिटियों से ज़्यादा यौन शोषण तो मीडिया में होता है… और यही लोग अब गवर्नर से सवाल कर रहे हैं…”
78-वर्षीय गवर्नर ने भी महिला पत्रकार से माफी मांगते वक्त अजीबोगरीब तर्क दिया था. उन्होंने कहा था, “मुझे (आपका) सवाल अच्छा लगा… इसलिए, तारीफ करने के उद्देश्य से मैंने उस तरह आपका गाल थपथपाया था, और आपको अपनी पोती सरीखा समझा था…” ‘दादाजी की तरह गाल थपथपाने’ वाले दावे को नाकबूल करते हुए लक्ष्मी ने कहा कि उन्हें माफी मंज़ूर है, भले ही वह उनके तर्क से सहमत नहीं हैं.
इससे पहले, लक्ष्मी सुब्रह्मण्यम ने गुस्से में ट्वीट किया था, “कई बार अपना चेहरा धोया है… अब भी उस एहसास से छुटकारा नहीं मिला है… श्रीमान गवर्नर बनवारीलाल पुरोहित, मैं इतना ज़्यादा आंदोलित और गुस्से में हूं…”