नीतीश कुमार ने जब मीडिया को बार बार हाथ जोड़ कर प्रणाम किया, कहा-राज्य में किए काम को भी बताएं

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पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की शिकायत है कि मीडिया उनके काम के बारे में नहीं बताती है लेकिन विवादों को बेवजह तूल देती है. पिछले तीन दिनों से पटना से लेकर दिल्ली तक पवन वर्मा की चिट्ठी बम की चर्चा है. राज्यसभा के पूर्व सांसद पवन वर्मा ने नीतीश कुमार को लिखी चिट्ठी मीडिया को लीक कर दी. इस चिट्ठी में उन्होंने बीजेपी को लेकर नीतीश से हुई कुछ निजी बातें भी सार्वजनिक कर दीं. दिल्ली चुनाव में बीजेपी और जेडीयू के गठबंधन से वर्मा नाराज हैं. वे लगातार नागरिकता कानून का विरोध कर रहे हैं. जबकि उनकी पार्टी जेडीयू ने संसद में नागरिकता संशोधन बिल का समर्थन किया था. नीतीश कुमार भी पवन वर्मा से अपनी नाराजगी छुपा नहीं पाए.दो दिनों पहले ही वे कह चुके हैं कि मुझे जो स्टैंड लेना था, ले चुका हूं. जिन्हें भी अपनी बात कहनी है, वे पार्टी के फोरम पर कहें. उन्हें जहां जाना हो, जा सकते हैं. मतलब ये कि चिट्ठी कांड के बाद नीतीश ने पवन वर्मा के लिए जेडीयू के दरवाजे लगभग बंद कर दिए हैं.
पिछले कुछ दिनों से उनकी पार्टी जेडीयू में घमासान मचा है. कभी सीएए को लेकर तो कभी एनपीआर और एनआरसी को लेकर. उनकी पार्टी के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने मुहिम चला रखी है. उन्होंने तो अमित शाह को इसकी क्रॉनोलॉजी समझाने की चुनौती दे डाली है. बीजेपी से रिश्तों को लेकर भी पार्टी के अंदर किच-किच जारी है. राज्य में चुनाव अभी नौ महीने दूर हैं फिर भी सीटों के बंटवारे पर दोनों पार्टियों में जुबानी जंग तेज हो गई है.
बिहार के सीएम नीतीश कुमार को शिकायत है कि मीडिया उनकी पार्टी के अंदर की बातों को बढ़ा चढ़ा कर बता रही है. जबकि उनकी सरकार के काम काज को नहीं बताया जा रहा है. पिछले कुछ हफ्तों से वे राज्य में जल, जंगल और हरियाली यात्रा पर हैं. लेकिन अखबारों में उसे जगह नहीं मिलती है. नीतीश ने कहा कि उनकी सरकार ने पिछड़ों और दलितों के लिए बहुत काम किया है.
भाषण खत्म होने से पहले नीतीश ने पत्रकारों को देखते हुए दोबारा प्रणाम किया. फिर बोले पत्रकार बंधु बिहार में क्या-क्या काम होता है, इसका क्या असर है. ये भी तो बताते. वैसे नीतीश के बारे में कहा जाता है कि वे बड़ा तोल कर बोलते हैं. फिर भी इस बार उन्होंने मीडिया को लेकर इतना कुछ कह दिया. मतलब वे बहुत दिनों से अंदर ही अंदर इसे दबाए बैठे थे.