झारखंड में मॉब लिंचिंग, वृद्ध व्यक्ति को बच्चा चोर बताकर पीट-पीटकर मार डाला

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मंडरो : झारखंड में भीड़ ने एक वृद्ध को बच्चा चोर समझकर पीट-पीटकर मार डाला. साहिबगंज जिला के मंडरो में मिर्जाचौकी थाना क्षेत्र के बिचकानी पहाड़ पर आदिम जनजाति पहाड़िया समुदाय के लोगों ने बुधवार को दिन में करीब 12 बजे इस अज्ञात व्यक्ति को पकड़कर पीटना शुरू कर दिया. मॉब लिंचिंग की खबर सुनते ही बिचकानी पहाड़ के ग्राम प्रधान सन्नी पहाड़िया ने उसे लोगों से मुक्त कराकर मिर्जाचौकी स्वास्थ्य केंद्र भेजा. अस्पताल ले जाने के क्रम में तेतरीया गांव में वृद्ध व्यक्ति ने दम तोड़ दिया.

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस कप्तान एचपी जनार्दन, सदर डीएसपी नवल किशोर शर्मा, मुफस्सिल थाना प्रभारी प्रयाग दास, नगर प्रभारी धर्मपाल कुमार, मिर्जाचौकी थाना प्रभारी राम हरीश निराला, पुअनि शिवनाथ यादव एवं पुलिस बल के जवान तेतरीया गांव पहुंचे. मामले की जानकारी लेने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए साहिबगंज भेज दिया.

पुलिस कप्तान ने तेतरीया गांव के लोगों को समझाया कि किसी भी अंजान व्यक्ति को बच्चा चोर समझकर उसकी जान न लें. उसके साथ मारपीट न करें. अगर किसी पर संदेह हो, तो इसके बारे में पुलिस और प्रशासन को सूचना दें. किसी भी सूरत में कानून को अपने हाथ में न लें. एसपी ने लोगों को बताया कि अगर ऐसी घटनाएं होंगी, तो गांव के कई लोग दोषी होंगे. उनके खिलाफ भी पुलिस को कानूनी कार्रवाई करनी पड़ेगी.

इधर, गांव के ही कुछ लोगों ने पुलिस को बताया कि इस वृद्ध को पहले भी कई बार इलाके में देखा गया था. वह चिरैता एवं अन्य जड़ी-बूटियां लेने के लिए पहाड़ पर आता था. बुधवार को कुछ लोगों ने गलतफहमी में उसे बच्चा चोर समझ लिया और उसकी पिटाई कर दी. वहीं, एसपी ने कहा है कि इस घटना की जांच की जायेगी. जो लोग भी इस मामले में दोषी पाये जायेंगे, उन्हें बख्शा नहीं जायेगा.

अब तक बच्चा चोरी की कोई घटना सामने नहीं आयी : एसपी

साहिबगंज के एसपी हरदीप पी जनार्दन ने लोगों से अपील की कि बच्चा चोरी का कोई मामला अब तक सामने नहीं आया है. इसलिए इससे जुड़ी अफवाहों पर ध्यान न दें. बच्चा चोरी की घटनाएं निराधार हैं. इसलिए यदि कहीं ऐसी कोई सूचना मिले, तो उसके बारे में पुलिस और प्रशासन को तत्काल सूचित करें. कानून को अपने हाथ में लेने की कोशिश न करें. आपकी छोटी-सी गलती से कोई निरीह व्यक्ति मारा जाता है. आपकी गलतफहमी का खामियाजा वृद्ध, विक्षिप्त और असहाय लोगों को भुगतना पड़ता है.