नई दिल्ली:
जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के कुलगाम में चेकिंग के दौरान रविवार को एक गाड़ी से हिजबुल मुजाहिदीन के दो आतंकियों के साथ गिरफ़्तार किए गए जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक डीएसपी देवेंदर सिंह को लेकर बीजेपी और कांग्रेस में जुबानी जंग शुरू हो गई है. सबसे लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि अगर देविंदर सिंह इत्तफाक से देविंदर खान होता, तो RSS की ट्रोल टुकड़ी की प्रतिक्रिया कहीं ज़्यादा तीखी और मुखर होती. देश के दुश्मनों की धर्म, आस्था या रंग देखे बिना निंदा की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि घाटी की जो कमज़ोर कड़ी है, वह हमारे लिए बेहद चिंताजनक ढंग से उजागर हो गई है और हमें सामने की चौकसी करते हुए पीछे से आंखें मूंदना महंगा पड़ेगा. अब निश्चित तौर पर यह सवाल उठेगा कि पुलवामा के खौफनाक हादसे के पीछे के असली मुजरिम कौन थे – इसे नए सिरे से देखने की ज़रूरत है.
Had #DavindarSingh by default been Davindar khan ,the reaction of troll regiment of RSS would have been more strident and vociferous. Enemies of our country ought to be condemned irrespective of Colour, Creed, and Religion.
(1/3)— Adhir Chowdhury (@adhirrcinc) January 14, 2020
अधीर रंजन चौधरी के इस बयान पर बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा यह वही अधीर रंजन चौधरी हैं जब संसद में अनुच्छेद 370 हटाया जा रहा था तो खड़े होकर कहा था कि क्या पाकिस्तान से पूछा? संयुक्त राष्ट्र से पूछा? यह तो द्विपक्षीय मुद्दा है. वे पाकिस्तान की सुर में सुर क्यों मिलाते हैं’. पात्रा ने आगे कहा कि राहुल गांधी पाकिस्तान के सहयोगी की तरह क्यों व्यवहार करते हैं, यह सबसे बड़ा सवाल है. जब पाकिस्तान ने यूएन में दस्तावेज दिए थे तो उसमें राहुल गांधी का नाम सबसे ऊपर था. कांग्रेस का व्यवहार एक राजनीतिक विरोधी की तरह शोभा नहीं देता है. यह किसी साजिश जैसा लगता है.
आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के कुलगाम में चेकिंग के दौरान रविवार को एक गाड़ी से हिजबुल मुजाहिदीन के दो आतंकियों को गिरफ़्तार किया गया. हैरानी की बात ये है कि जिस वक़्त इन आतंकियों को पकड़ा गया उस वक़्त उनके साथ गाड़ी में जम्मू-कश्मीर पुलिस का एक डीएसपी देवेंद्र सिंह भी मौजूद था. जम्मू कश्मीर पुलिस के आईजी विजय कुमार (Vijay Kumar) ने कहा, ‘देवेंद्र सिंह ने आतंकवाद विरोधी अभियान में बहुत काम किया है, लेकिन जिन परिस्थितियों में उन्हें गिरफ्तार किया गया है, वह एक जघन्य अपराध है. वो आतंकियों को बिठाकर गाड़ी पर ले जा रहे थे, इसलिए उनके साथ आतंकी जैसा ही सलूक किया गया है. उनसे पूछताछ जारी है.