कोरोना को लेकर फरीदाबाद जिले में हालात नाजुक होते जा रहे हैं। आए दिन बढ़ रहे कोरोना के मरीजों के मरीजों को देखते हुए जिला प्रशासन ने कंटेनमेंट जोन की संख्या बढ़ाकर 123 कर दी है, जो अब दस गुना हो गई है। अप्रैल के शुरुआत में मात्र 12 कंटेनमेंट जोन घोषित किए गए थे। उसके बाद बीच-बीच में कई बार कंटेनमेंट जोन की लिस्ट में बदलाव किए गए। गुरुवार को ही जिलाधीश ने 64 नए कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिए।
घनी आबादी वाले इलाके : सेक्टर-23, डबुआ, जवाहर कॉलोनी, ओल्ड फरीदाबाद, पर्वतीया कॉलोनी, चावला कॉलोनी, पल्ला क्षेत्र, ग्रीन फील्ड, एसजीएम नगर,
नाकों पर सुरक्षा हुई ढीली
कंटेनमेंट जोन बढ़ने की वजह से सुरक्षा को लेकर भी चुनौती बनती जा रही है। मरीज मिलने पर समूची रिहायशी या कॉमर्शियल को कंटेनमेंट जोन घोषित नहीं करने से प्रशासन अब परहेज कर रहा है। ऐसे में प्रशासन ने अब उस पाकेट या गली को कंटेनमेंट घोषित कर रहा है, जहां मरीज पाए जा रहे हैं। जिसके चलते कई बस्तियों में कई कंटेनमेंट जोन हैं और वहां पुलिस नाके लगे हैं। विष्णु का कहना है कि पुलिस के पास इतना सुरक्षा कर्मी नहीं है, जिसको लेकर सभी नाकों पर पुलिस जवान तैनात किया जा सके। ऐसे में लोग बिना किसी रोकटोक के आवाजाही कर रहे है। इसकी वजह से कंटेनमेंट जोन में सरकारी नियमों का पालन नहीं हो पा रहा है।
कुल कंटेनमेंट जोन 123 हुए
- 12 कंटेनमेंट जोन से बढ़कर हुए 123
- जिले की घनी आबादी वाले इलाके बने हॉटस्पॉट
- बाजार के आसपास की बस्ती में ज्यादा मरीज
- कंटेनमेंट जोन बढ़ने से पुलिस और स्वास्थ्य विभाग पर दबाव बढ़ा
- घर-घर जाकर स्क्रीनिंग में लगने लगा समय
कुछ इलाके बने हॉटस्पॉट
शहर की घनी आबादी वाले इलाकों में कोरोना के मरीज तेजी से मिल रहे हैं। जिनमें डबुआ कॉलोनी, सेक्टर-23, पर्वतीया कॉलोनी, एनआईटी, ओल्ड फरीदाबाद, बल्लभगढ़ के चावला कॉलोनी आदि इनमें शामिल हैं। जिलाधीश द्वारा जारी की गई कंटेनमेंट की सूची इसकी तस्दीक करती हैं। पचास फीसदी के आसपास इस इलाके में कंटेनमेंट जोन हैं।
एक दूसरे संपर्क में आ रहे लोग
जिला फरीदाबाद के शहरी इलाके में डबुआ सब्जी मंडी, सेक्टर-16 सब्जी मंडी और बल्लभगढ़ सब्जी मंडी बड़ी मंडियों में शुमार है। मार्केट कमेटी के मुताबिक यहां करीब बीस हजार लोग रोज सब्जी, फल खरीदने आते हैं। सबसे ज्यादा भीड़ डबुआ और बल्लभगढ़ में मिल रही है। चिंता की बात यह है कि संबंधित मंडियों से ही काफी मरीज अब तक मिल चुके हैं।
कर्मचारियों पर बढ़ा दबाव
कंटेनमेंट जोन की निरंतर बढ़ रही संख्या के साथ-साथ स्वास्थ्य कर्मचारियों पर दबाव बढ़ता जा रहा है। नियमानुसार, जहां कोरोना मरीज पाया जाता है, वहां शहरी क्षेत्र में 200 और ग्रामीण क्षेत्र में 1000 मीटर को बफर जोन घोषित किया जाता है। कंटेनमेंट जोन में घर-घर जाकर स्वास्थ्य कर्मचारियों को लोगों की स्क्रीनिंग करनी होती है। जिसमें कोरोना के लक्षण वाले मरीजों की पहचान करना मुख्य मकसद होता है। इसके अलावा घर पर क्वारंटाइन किए गए लोगों के घरों से सावधानीपूर्वक कूड़ा एकत्रित करने का काम भी सफाई कर्मचारियों को बढ़ गया है