मेरठ (जेएनएन)। जिला कारागार से कमान पर काम करने गया गैंगस्टर एक्ट का मुल्जिम (बंदी) फरार हो गया। मेडिकल पुलिस के साथ बंदी रक्षकों ने बंदी के घर और रिश्तेदारी में दबिश दी लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला। जेल प्रशासन ने मुख्य बंदी रक्षक समेत चार बंदी रक्षकों को सस्पेंड कर दिया। साथ ही होमगार्डों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कमांडेंट को पत्र लिखा।
चौधरी चरण सिंह कारागार में 55 एकड़ जमीन हैं, जिस पर बंदियों से काम लिया जाता है। हर रोज सुबह और शाम को काम करने के लिए कमान में बंदियों को निकाला जाता है। एक कमान में 25 बंदियों को निकाल कर खेती का काम कराया जाता है। सोमवार को भी सुबह आठ बजे मुख्य बंदी रक्षक एवं कमान इंचार्ज ठाकुर सिंह के नेतृत्व में चार बंदी रक्षकों और चार होमगार्डों को लगाया गया।
कमान को चेक करने के लिए दस बजे प्रधान बंदी रक्षक को भेजा गया था, जो सभी बंदियों के रजिस्टर में हस्ताक्षर और अंगूठा लगवाते हैं। बंदी संदीप पुत्र रज्जू निवासी अब्दुल्लापुर ने भी रजिस्टर में अंगूठा लगा रखा था। 11 बजे बंदियों को जेल में लाने के लिए गिनती की गई, जिसमें बंदी संदीप गायब था। जेल की ओर से दिए गए बंदी के कपड़े झाड़ी के पीछे मिले। जेल अधीक्षक संत लाल यादव ने बंदी की फरारी पर बंदी रक्षकों की घोर लापरवाही मानते हुए मुख्य बंदी रक्षक समेत छह बंदी रक्षकों को सस्पेंड कर दिया।
उन्होंने कहा कि इन सभी बंदी के खिलाफ मेडिकल थाने में मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। इस पूरे प्रकरण में जेलर को जांच अफसर नियुक्त कर दिया है। उधर, एसओ मेडिकल मोहम्मद असलम का कहना है कि जेलर अजय कुमार की तहरीर पर चार बंदी रक्षक और चार होमगार्डों को नामजद किया है। संदीप लूट, बैंक लूट, चोरी और जानलेवा हमले का मुल्जिम है।