मैथिली के नाम पर उर्दू को दबाने की शाजिश- अंजुम जसीम

684

सीएम लॉ कॉलेज पे बोर्ड में उर्दू में नाम लिखे जाने के बाद से ही विवाद शुरू हो गया।कुछ छात्र नेता और संघटनो के दबाव के बाद उर्दू नाम प्लेट को हटा दिया गया जोकि वाक्य शर्मनाक थी।उर्दू बिहार की दूसरी राजकीय भाषा है ऐसे में उसका विरोध करने का कोई हक नहीं है है और ऐसा नहीं है कि उर्दू में पहली बार लिखा गया । इन सब के इतर जैसे ही लोगो को मालूम हुआ लोगो ने अपने तरीके से इसका विरोध करना शुरू कर दिया।लोगो ने सोशल मीडिया अपने जनपर्टिनिधी के माध्यम से विरोध दर्ज कराना शुरू कर दिया।यकीनन सभी मिथिलावासी ने मिल कर लड़ाई लड़ी है लेकिन इस लड़ाई की बाकायदा शुरुआत करने वाले और उसे अंजाम तक ले जाने की बात करे तो उनमें जिन लोगो का योगदान है उसे नहीं भूलना चाहिए ईस मामले में हम सब पार्टी पॉलिटिक्स से ऊपर उठ कर लड़ाई लड़ी है लिहाजा सबको याद किया जाना चाहिए। अंजुम जसिम (छात्र नेता,एनएसयूआई) शादाब अख्तर,(प्रदेश सचिव एनएसयूआई), डा० जमाल हसन(जिला अध्यक्ष कांग्रेस सेवादल),सोनू यादव(जन अधिकार छात्र परिसद)हमारे जमीनी साथी ये लोग हैं।बहुत से युवाओं सोशल मीडिया पर माहौल तैयार किया बाकी इनलोग ने आखिर तक जमीन पर लड़ाई लड़ा।इन लोगो ने वीसी साहब से मिलकर ज्ञापन दिया और उनसे करवाई की मांग करते हुए 72 घंटे के अंदर उर्दू बोर्ड लगवाने का समय दिया और दोषियों पर करवाई की मांग की। केवल इतना ही नहीं अंजुम जसिम ने खुद से रोसड़ा विधायक जनाब अशोक राम, समस्तीपुर के विधायक अख्तरुल इस्लाम साहीन, पूर्व केंद्रीय मंत्री अली अशरफ फातमी, केवटी विधायक फ़राज़ फातमी से फोन पर बात की और समस्याओं से अवगत कराया और उर्दू को उसका हक दिलाने के लिए मदद मांगी जिसका नतीजा ये हुआ कि फ़राज़ ने वीसी साहब को पत्र लिखकर उर्दू बोर्ड लगाने की मांग की इतना ही नहीं माननीय नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने रीट्वीट करते हुए उर्दू में नाम लिखे जाने की वकालत की। जिसका नतीजा ये निकला की उसके कल होके वीसी साहब ने अविलंब उर्दू में बोर्ड लगाने का निर्देश देते हुए प्राचार्य से जवाब तलब किया।ये सभी लोग जमाल हसन,शादाब अख्तर,अंजुम जसिम,सोनू यादव ने खुद से खड़े होकर अपनी मौजूदगी में उर्दू बोर्ड को लगवाने का कार्य किया।इतना ही नहीं बोर्ड लगवाते वक़्त पुलिस भी आती थी जिनको शिकायत थी कि ये लोग अपने मन से यह आकर बोर्ड लगवा रहे है उन्होंने उनका भी सामना किया और डटे रहे और बोर्ड लगवाया