यूपी को चाहिए अच्छे डॉक्टर, बिजनेस न बने चिकित्सकों का पेशाः योगी

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को लखनऊ के लोहिया अस्पताल पहुंचे, जहां उन्होंने डॉ. एससी राय के नाम पर छात्रावास का उद्घाटन किया. इस मौके पर लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि लखनऊ के लोगों के लिए एक अनमोल क्षण है.

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सबसे बड़ा राज्य है. आबादी के हिसाब से तो दुनिया का छठा देश होगा. विकास के पैमाने और राजनैतिक नेतृत्व को जिस कसौटी पर उतरना था, उसका अभाव रहा है. स्वास्थ्य भी उससे अछूता नहीं है. शहरी क्षेत्रों में जब इतनी खराब स्थिति है तो ग्रामीण क्षेत्रों का आप अनुमान लगा सकते हैं. स्थिति सुधारने के प्रयास हो रहे हैं.

योगी ने कहा कि लखनऊ के तीनों संस्थानों को मिलाने पर एक 350 बेड का ये संस्थान हो जाता है. उत्तर प्रदेश में हमें अच्छे चिकित्सक चाहिए और इसके लिए अच्छे संस्थान देने पड़ेंगे. मैं देखता हूं कि एक जर्जर चिकित्सा संस्थान चिकित्सक बनाने में कितना बड़ा योगदान देती है. लेकिन, जब उनकी जरूरत पड़ती है, तो वो निजी प्रैक्टिस करने लगते हैं.

उन्होंने कहा कि कोई दिन नहीं जिस दिन समाचार पत्रों में चिकित्सा के संबंध में मीडिया कमियां न दिखाती है. मैं मानता हूं कि सब सच नहीं, लेकिन कुछ तो होता होगा.

एक समय यहां के बलरामपुर अस्पताल में देश का प्रधानमंत्री तक अपना इलाज कराता था और आज क्या स्थिति है?

योगी ने कहा कि एक चिकित्सक की सबसे बड़ी बात उसकी संवेदना होती है. मैं गोरखपुर से जुड़ा हूँ. जब भी गोरखपुर जाता हूँ. चिकित्सकों के साथ एक बार बैठता जरूर हूँ. चिकित्सा का पेशा जब केवल व्यावसायिक हो जाएगा. लाभ हानि से जुड़ जाएगा तो कभी अपने लक्ष्य को हासिल नहीं कर सकेगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब भी कोई छात्र एमबीबीएस करे उसे एक साल तक पीएचसी में जरूर भेजा जाए. लेकिन आने पर ये न हो कि वो पैसे के लिए कहीं और चला जाए. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के जनता पढ़ाई पर पैसा खर्च कर रही है. ये प्रदेश की 22 करोड़ की जनता के टैक्स का पैसा है.

उन्होंने कहा कि इस अस्पताल के अधिकतर डॉक्टर गोरखपुर से ही जुड़े हुए हैं. प्रोफेसर मालवीय भी गोरखपुर में थे. जब इन चिकित्सकों को हटाया गया था तब मैं बहुत नाराज था. मैंने सरकार को पत्र भी लिखा था, लेकिन अब यहां इनको सेवाएं देते देखकर अच्छा लगता है और संतोष भी होता है.