बीजिंग: चीन को उम्मीद है कि भारत और अमेरिका के बीच सैन्य सहयोग क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के माकूल होगा, इसके विपरीत नहीं. यह बात चीन के रक्षा मंत्रालय ने कही. हाल में अमेरिका के रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस के दौरे में भारत और अमेरिका के बीच रक्षा संबंध मजबूत करने के बारे में पूछने पर चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल वू कियान ने कहा कि इस बारे में चीन ने खबरों का संज्ञान लिया है.
मैटिस ने 26-27 सितम्बर को भारत का दौरा किया और उच्चस्तरीय द्विपक्षीय वार्ता की. उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि भारत और अमेरिका के बीच रक्षा सहयोग क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के अनुकूल होगा न कि इसके विपरीत. नई दिल्ली और वॉशिंगटन के बीच बढ़ते रक्षा सहयोग के बीच चीन ने मैटिस के दौरे पर नजर बनाए रखी थी.
अमेरिका ने भारत को एफ-16 लड़ाकू विमान संयुक्त रूप से बनाने की पेशकश की है और हिंद महासागर में लंबी दूरी तक निगरानी अभियान के लिए गार्जियन ड्रोन की बिक्री को मंजूरी दी है. चीन के जहाज और पनडुब्बियां हिंद महासागर में अपनी उपस्थिति लगातार बढ़ाती जा रही हैं. इस बीच सरकारी ग्लोबल टाइम्स में छपे एक लेख में कहा गया है कि चीन-भारत संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए शांति सबसे जरूरी चीज है. लेख में कहा गया है, चीन-भारत संबंधों में बढ़ोतरी के लिए शांति सबसे अहम है, भले ही 1962 का युद्ध हुआ है और 1987 और 2017 में गतिरोधों के कारण दोनों देश युद्ध के करीब पहुंच गए थे.