बैंकों का प्रस्तावित विलय एक अप्रैल, 2020 से प्रभावी होगा, आप पर ये पड़ेगा असर

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक बार फिर साफ किया है कि 10 बैंकों का प्रस्तावित विलय तय सीमा के अंदर ही होगी। उन्होंने बुधवार को कहा कि बैंकों का प्रस्तावित विलय एक अप्रैल, 2020 से प्रभावी होगा। बता दें सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों यूनाइडेट बैंक ऑफ इंडिया, ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, पंजाब नेशनल बैंक, सिंडीकेट बैंक, केनरा बैंक , इलाहाबाद बैंक, इंडियन बैंक, आंध्रा बैंक, कोऑपरेशन बैंक और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के महाविलय के लिए तय एक अप्रैल 2020 की समयसीमा तेजी से नजदीक आ रही है। बता दें पिछले साल अगस्त में मोदी सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों का विलय कर चार बड़े बैंक बनाने का फैसला किया था। योजना के मुताबिक यूनाइडेट बैंक ऑफ इंडिया और ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स का विलय पंजाब नेशनल बैंक में किया जाएगा।

इस विलय के बाद यह सार्वजनिक क्षेत्र का दूसरा सबसे बड़ा बैंक होगा। सिंडीकेट बैंक का केनरा बैंक के साथ विलय होना है, जबकि इलाहाबाद बैंक का विलय इंडियन बैंक में होगा। इसी तरह आंध्रा बैंक और कोऑपरेशन बैंक को यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया में मिलाया जाएगा। आइए जानें इस महाविलय से बैंक ग्राहकों पर क्या असर पड़ेगा..

महाविलय से ग्राहकों पर ये होगा असर

  • ग्राहकों को नया अकाउंट नंबर और कस्टमर आईडी मिल सकता है। जिन ग्राहकों को नए अकाउंट नंबर या IFSC कोड मिलेंगे, उन्हें नए डिटेल्स इंश्योरंस कंपनियों, म्यूचुअल फंड, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) आदि में अपडेट करवाने होंगे। वहीं SIP या लोन EMI के लिए ग्राहकों को नया इंस्ट्रक्शन फॉर्म भरना पड़ सकता है।
  • फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) या रेकरिंग डिपॉजिट पर मिलने वाले ब्याज में कोई बदलाव नहीं होगा। जिन ब्याज दरों पर व्हीकल लोन, होम लोन, पर्सनल लोन आदि लिए गए हैं, उनमें कोई बदलाव नहीं होगा। नई चेकबुक, डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड जारी हो सकता है।
  • कुछ शाखाएं बंद हो सकती हैं, इसलिए ग्राहकों को नई शाखाओं में जाना पड़ सकता है। विलय के बाद एंटिटी को सभी इलेक्ट्रॉनिक क्लीयरिंग सर्विस (ECS) निर्देशों और पोस्ट डेटेड चेक को क्लीयर करना होगा।

इन बैंकों का हो चुका है मर्जर

1 अप्रैल 2019 से बैंक ऑफ बड़ौदा में विजया बैंक और देना बैंक मर्ज हो चुके हैं। यह देश का पहला थ्री वे मर्जर था। इससे पहले SBI में पांच सहयोगी बैंकों (बैंक स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर और स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद ) और भारतीय महिला बैंक का विलय हुआ था, जो अप्रैल 2017 से प्रभाव में आया।