नई दिल्ली: श्रीलंका के पालेकेले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैदान पर भारत और श्रीलंका के बीच चल रहे सीरीज के तीसरे टेस्ट मैच को भारत के पारी और 171 रन से जीतने के साथ-साथ सीरीज को 3-0 से जीत लिया था. इस मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने अपनी पहली पारी में 487 रन बनाए थे. भारत की तरफ से सलामी बल्लेबाज शिखर धवन ने सबसे ज्यादा 119 रन रन बनाए थे जबकी हार्दिक पंड्या ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए 96 गेंदों का सामना करते हुए 108 रन बनाए जिसमें आठ चौके और सात छक्के शामिल थे. श्रीलंका की पहली पारी सिर्फ 135 रन पर सिमट गई. श्रीलंका की तरफ से कोई भी बल्लेबाज अर्धशतक पूरा नहीं कर पाया. कप्तान दिनेश चांदीमल ने सबसे ज्यादा 48 रन बनाए. श्रीलंका के बल्लेबाज दूसरी पारी में भी कुछ खास नहीं कर पाए और पूरी टीम सिर्फ 181 रन पर ऑल आउट हो गई इसी तरह श्रीलंका इस मैच को पारी और 171 रन से हार गई.
भारतीय स्पिन गेंदबाज़ों की शानदार गेंदबाज़ी: भारत की तरफ स्पिन गेंदबाज़ों ने शानदार गेंदबाजी की. कुलदीप यादव श्रीलंका की पहली पारी में चार विकेट लेने में कामयाब रहे जबकि श्रीलंका की दूसरी पारी में वो एक विकेट ही ले पाए. इसी तरह कुलदीप ने इस मैच में कुल मिलाकर पांच विकेट लिए. रविचंद्रन अश्विन ने भी अच्छी गेंदबाजी की. अश्विन को श्रीलंका की पहली पारी में दो विकेट मिले जबकी दूसरी पारी में चार विकेट लेने में कामयाब रहे. अश्विन ने इस मैच में कुल मिलाकर छह विकेट लिए. अगर तेज गेंदबाजों की बात की जाए तो भारत की तरफ से सबसे अच्छी गेंदबाज़ी मोहम्मद शमी ने की. शमी इस मैच में पांच विकेट लेने में कामयाब रहे. पहली पारी में उन्हें दो विकेट मिले थे जबकि दूसरी पारी में तीन विकेट मिले.
2008 के बाद श्रीलंका ने भारत के खिलाफ नहीं जीत पाया है कोई सीरीज : इस हार के साथ साथ 2008 के बाद श्रीलंका का भारत के खिलाफ सीरीज जीतने का सपना टूट गया है. श्रीलंका ने आखिरी बार 2008 में महेला जयवर्दने की कप्तानी में अपने घरेलू मैदान पर भारत के खिलाफ सीरीज जीता था. दोनों टीमों के बीच खेले गए तीन मैचों की टेस्ट सीरीज को श्रीलंका ने 2-1 से जीत लिया था. अगर रिकॉर्ड पर नज़र डाला जाए तो श्रीलंका भारत के खिलाफ सिर्फ तीन सीरीज जीत पाया है. दोनों टीमों के बीच अभी तक 15 टेस्ट सीरीज खेली जा चुकी है जिसमें से आठ सीरीज भारत ने जीती है. श्रीलंका तीन सीरीज जीतने में कामयाब हुआ है जब की चार सीरीज ड्रा रही है.
इस खिलाड़ी के जाने के बाद श्रीलंका टीम हुई कमजोर : 2010 में मुरलीधरन ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया. इसके बाद श्रीलंका टीम कमज़ोर हो गई है और प्रदर्शन में भी काफी गिरावट आया है. 2010 से लेकर 2015 के बीच श्रीलंका ने 21 टेस्ट सीरीज खेली जिसमें सिर्फ छह सीरीज में जीत हासिल की है. 10 सीरीज हारा है जबकी पांच सीरीज ड्रा रही है. अगर एकदिवसीय मैचों की बात की जाए तो 2011 से लेकर 2014 के बीच श्रीलंका ने 20 बाईलैटरल सीरीज खेली जिसमें से आठ सीरीज जीता, आठ सीरीज हारा और चार सीरीज ड्रा रही है. जयवर्धने ने 2014 में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया था जबकी 2015 में एकदिवसीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया था उसी तरह संगकारा ने 2015 में टेस्ट और एकदिवसीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया था. दिलशान ने 2013 में टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया था और 2016 में एकदिवसीय क्रिकेट से संन्यास लिया था.
पिछले 20 महीनों से काफी खराब प्रदर्शन : इन तीनों खिलाड़ी के चले जाने के बाद पिछले दो सालों से श्रीलंका क्रिकेट टीम का प्रदर्शन काफी ख़राब रहा है. दिसंबर 2014 से लेकर अगस्त 2017 के बीच श्रीलंका 12 टेस्ट सीरीज खेल चुका है जिस में से सिर्फ चार टेस्ट सीरीज श्रीलंका जीतने में कामयाब रहा है. सात टेस्ट सीरीज श्रीलंका हारा है जब की सिर्फ एक सीरीज ड्रा रही है. श्रीलंका जो चार टेस्ट सीरीज जीता है उनमें से दो सीरीज ज़िम्बाब्वे और एक सीरीज वेस्टइंडीज जैसी कमज़ोर टीम के खिलाफ है. पिछले 20 महीनों में एकदिवसीय मैचों में भी श्रीलंका का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है.
पिछले 20 महीनों में श्रीलंका 10 बाईलैटरल सीरीज खेल चुका है जिस में सिर्फ दो सीरीज श्रीलंका जीतने कामयाब हुआ है,सात सीरीज श्रीलंका हारा है और एक सीरीज ड्रा रही है. सबसे बड़ी बात यह है कि हाल ही में ज़िम्बाब्वे ने श्रीलंका का दौरा किया था. पांच मैचों की एकदिवसीय सीरीज को ज़िम्बाब्वे ने 3-2 से जीत लिया था.